ODISHA TRAIN INCIDENT - REASON FOUND - ELECTRONIC INTERLOKING
2 जून 2023 को जो भारत की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना हुई, ओडिशा में उसके रीज़न को रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ओडिशा ट्रेन इंसिडेंट का मेन कारण अब तक यह पता चला है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव किया गया था। मैं आपको बहुत इम्पोर्टेन्ट बात बता दू यहाँ पर की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम आखिर क्या होता है? तो इसका अनसर ये है मान लो कोई?
ट्रेन एक ट्रैक पर चल रही है तो वो दूसरे बगल वाले ट्रैक पर तभी ना जाएगी जब वो ट्रैक खाली होगा, है ना? यानी वे कैन्ट होगा, मान लो साइड वाला ट्रैक खाली नहीं है, लेकिन रेलवे के कंप्यूटर्स में यह दिखाया जा रहा है कि वह ट्रैक खाली है।
तो चलती हुई ट्रेन उसी पे चली जाएगी और टक्कर हो जाएगी। ऐक्चुअल में खाली नहीं है, लेकिन कंप्यूटर में खाली दिखता है।
एरर के चलते तब होता है ये इसी को कहते हैं। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की गड़बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग मतलब होता है रेलवे स् का वो सिस्टम जो ट्रेन्स को अपने ट्रैक पर लॉक्ड रखता है। कौन सी ट्रेन कौन सी ट्रैक पर चलेगी ट्रैक चेंज तभी करेगी जब दूसरे ट्रैक पर कोई और ट्रेन ना हो या फिर ना आ रहा हो। यह सब चेक करके ये सब मेन काम होता है। इस सिस्टम का।
कोई दो ट्रेन एक ट्रैक पर ना आ जाये, इसका ध्यान रखता है रेलवेज का इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लेकिन कंप्यूटर ही है। ये भी और गलीचे इस और एरर्स ऑब्वियस्ली टेक्नोलॉजिकल चीजों में होती ही है आई होप आपको इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक इन्टरलॉकिंग सिस्टम समझ आ गया होगा।
मैं आपको और एक बात बताना चाहता हूँ जो की अभी चर्चा में है जिसे लूप लाइन कहते हैं।
जिंस जगह हादसा हुआ है। उस जगह चार ट्रैक्स मौजूद थे, चार पटरियां, दो मेन ट्रैक्स थे और दो लूप ट्रैक्स थे। अब जो सबको ये कह रहे हैं लूप ट्रक लूट ट्रैक क्या होता है ये भला?
लूप लाइन यानी लूप पटरी उसे कहते हैं, जिसमें ट्रेन से मेन लाइन से शिफ्ट हो जाते हैं। थोड़ी देर के लिए थोड़ी देर के लिए खड़े हो जाते हैं। अगर कोई और ट्रेन आ रहा हो तो मतलब वो एक्स्ट्रा पार्किंग की तरह होता है। आप कह सकते हो जिसपे लोकल ट्रेन या फिर मालगाड़ी जाके खड़ी रह सकती है ताकि एक्सप्रेस ट्रेन बीच से पार हो सके। स्पीड से तो साइड में मौजूद एक्स्ट्रा लाइन्स को लूप लाइन कहते हैं।
कहा ये जा रहा है की कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन से लूप लाइन में शिफ्ट हो गया था, जहाँ पर एक मालगाड़ी पाक थी क्योंकि इंटरलॉकिंग सिस्टम में ये शो करने लगा था की लूपलाइन खाली है और एक्चुअल में वो खाली नहीं था। उस लूप लाइन पर एक मालगाड़ी मौजूद था, लेकिन सिस्टम ये रिकॉग्नाइज नहीं कर पाया।
ये टेक्निकल ग्लिचस थी या ह्यूमन एरर या फिर कोई क्राइम मेबी ये तो पता चलना अभी बाकी है। एक चीज़ है वैसे की हम कितना भी ऐलिस कर लें इस सिचुएशन को जिन परिवार के लोगों ने अपनों को खोया है, उन लोगों के मन में क्या बीत रही है, वो सच में कोई नहीं समझ सकता। वहीं लोग जानते होंगे जिनके साथ यह बीत रही है, भगवान उनको ताकत दे यह सब सहने की तो बढ़ते हैं हम लोग।
अगले इन्फॉर्मेशन फैक्ट पे
ये एक बहुत ही डरावनी फैक्ट है की आपका जो स्टमक है उसके अंदर जो एसिड मौजूद है वह ब्लड को भी गला सकता है। ये बात आप बहुत बार सुने होंगे तो वो पेट को ही क्यों नहीं गला देता? अगर लोहे को भी गला सकता है तो तो असल में पेट में ऐसा सिस्टम बना हुआ है की आपका स्टमक कन्टिन्यूसली एक म्यूकस प्रोड्यूस करता है जो की आपके पेट को गलने से बचाता है और आपके पेट को वो कॉन्टिन्यूअस ली प्रोड्यूस करते रहना होगा।
जब आप यह विडिओ देख रहे हो तब भी आपके पेट में वो म्यूकस प्रोड्यूस हो रहा है। एक्चुअल में रीयल टाइम में, जिसके चलते आपका पेट बचा हुआ है, आपके पचाने वाले एसिड से और जब भी ऐसा होता है की आपका पेट वह म्यूकस प्रोड्यूस नहीं कर पाता है तब अल्सर और बाकी बिमारी होते हैं। यानी एक तरह से कहें तो आपके स्टमक को कॉन्टिन्यूअस ली ये प्रोड्यूस करते रहना होगा। अगर उसको अपने ही पचाने वाले डरावने एसिड से अपने आप को बचाना है तो
म्यूकस जो है जो की पे 24 इनटू सेवन प्रोड्यूस कर रहा है। पेट में वही आपके पेट के लाइनिंग के एक लेयर बना देता है जिसपे अगर वो ब्लड लाने वाला एसिड आ भी जाए तो भी कुछ नहीं होगा। और सबसे डरावनी बात यह है कि आपके पेट को प्रोड्यूस करते ही रहना होगा। नहीं किया तब हो गया लेकिन हर एक नॉर्मल इंसान के पेट में 24 इनटू सेवेन वो प्रोड्यूस होते रहता है। आप अपना पेट चूके देखो अभी भी हो रहा है वो अंदर ही अंदर नहीं तो आपका जो खाना पचाने वाला
डिड है वो बहुत ही खतरनाक चीज़ है तभी तो वो लोहे को गला देता है और ब्लड को गला देता है। क्या आपको पता है कि हर साल मिल लिनस ऑफ कार क्रैश होते हैं? डिअर के चलते यानी जैसे आप इंग्लिश मूवीज़ में देखते होंगे कि डीलर है, वह रोड के बीच में आ गया और इंसान अपने गाड़ी को मोड़ दिया और वह जाके पर लग गया। ऐसा सीन अक्सर हम बहुत सारे इंग्लिश मूवीज़ में देखते हैं तो ये ऐक्चुअली में होता है। जंगलों में के डिअर के चलते लाखों कार क्रैश होते हैं। हर साल
ये डेली होता है। अभी आप वीडियो देख रहे हो अभी भी कहीं ना कहीं हो रहा होगा तो यह एक बहुत ही सीरियस टॉपिक है तो बात यह है कि उल्फत जो है वो डिअर को खाते हैं और जब से उल्का पॉप्युलेशन कम हुआ है, तब से ये जो डिअर है, ये और भी बढ़ गए हैं और इससे कार क्रैश और भी ज्यादा हो रहा है। लेकिन अभी ये रिपोर्ट में सामने आया है कि उल्का पॉप्युलेशन रिकवर कर रहा है यानी उल्फत और ऑडिटर्स को खाएंगे तो इससे एक अजीब सी बात सामने आती है जिसका रिफरेन्स आप अपने स्क्रीन पर देख सकते हो।
कि जब से उल्का पॉप्युलेशन बढ़ा है पूरे दुनिया भर में तब से ये जो ऐक्सीडेंट्स है ये 24% से कम होगा हैं। जी हाँ, ये ऐक्चुअल डेटा है। उल्फा के पॉप्युलेशन के रिकवरी के चलते ऐक्चुअली में स्टैट्स में पता चला है की ऐक्सिडेंट्स के नंबर्स कम हुए हैं। हम लोग जब फिजिकल ऐक्टिविटी करते हैं तब हमारे बॉडी में कैलोरीज़ बर्न हो रही होती है यानी एनर्जी यूज़ हो रहा होता है ये तो आपने सुना ही होगा लेकिन जो आपका सर का पार्ट है यानी आपका
आपका ब्रेन ये भी बहुत ज्यादा एनर्जी को यूज़ करता है।

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