Odisha TRAIN INCIDENT - Why Security KAVACH Failed - COROMANDEL EXPRESS-AG TECH INFORMER
फिर उस ट्रैक पर जो ट्रेन आ रही थी वो इनको चेस से टकरा गई। एग्ज़ैक्ट्ली क्या हुआ है? ये तो अभी ऐनालाइज करना बाकी है और फुल रिपोर्ट पब्लिश होना बाकी है। लेकिन सवाल ये है की कवच सिस्टम के होने के बावजूद भी ऐसा कैसे हो सकता है? तो इसका ऐन्सर ये है की जो कवच सिस्टम है जो की एक ऑटोमेटेड सिस्टम है जो कि एक नेटवर्क पे काम करता है। अगर कोई ट्रेन के सामने दूसरा ट्रेन्स में ट्रैक पर आये या फिर ऐसी कोई भी चीज़ आगे हो तो जो ड्राइवर होता है उसके बिना ब्रेक अप्लाई किये ही
ट्रेन का सिस्टम ऑटोमैटिक ब्रेक अप्लाइ कर देता है। इसी सिस्टम को कवच सिस्टम कहते हैं और यह ऐसी सिल फ़ोर सर्टिफाइड है। इसका मतलब क्या हुआ? इसका मतलब ये है की 10,000 सालों में एक बार एरर होने का चान्सेस है। मतलब ये इतना टेक्नोलॉजिकली रिफाइन्ड है और ये इंडिया का अपना सिस्टम है लेकिन इस केस में कवच क्यों नहीं बचा सका? तो यहाँ पर मैं आपको सबसे इम्पोर्टेन्ट बात बता दूँ की ये इसलिए क्योंकि यहाँ पर कवच सिस्टम था ही नहीं। जी हाँ,
इंडिया का रेल नेटवर्क 60,000 से भी ज्यादा किलोमीटर्स तक फैला हुआ है और ये कवच सिस्टेम अभी सारे ट्रैक्स में इन्स्टॉल नहीं हुआ है और 2000 किलोमीटर भी होना बाकी है तो वहाँ पर ये सिस्टम अवेलेबल था ही नहीं और आनंद महिन्द्रा यानी महिन्द्रा के सीईओ उन्होंने भी इसी बात को ट्वीट करके क्लैरिफी किया है। तो ये था फैक्टर कवच सिस्टम के बारे में जीतने भी लोग हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि एनडीआरएफ की जो टीम है वो और वहाँ के सारे लोकल लोग रेस्क्यू करने में मदद कर रहे हैं।
और कितने लोग मर रहे हैं ये तो बता ना बहुत ही मुश्किल है लेकिन ये वन ऑफ थे वर्स्ट ट्रेन इन्सिडन्ट है। इंडिया के इतिहास में तो आई होप आपको कवच सिस्टम के बारे में क्लैरिफिकेशन मिल गयी होगी।
पढ़ते हैं नेक्स्ट इन्फॉर्मेशन , आपको तो पता ही होगा की एरोप्लेन उड़ाने की जब बात आती है तब आगे दो लोग बैठते हैं पायलट और कोपायलट सिर्फ एक पायलट से प्लेन नहीं उड़ता लेकिन मान लोग क्या हो? ऐसा सिचुएशन जिसमे जो पायलट होता है, उसका ब्रेन हेमरेज हो गया।
और वो वहीं पे बेहोश हो गया तो ऐसे ही सिचुएशन के लिए साथ में को पायलट होता है जो कि पायलट से कम ट्रेंड रहता है लेकिन वो हेल्प आता है पायलट के तो यहाँ पर और एक बात है जो की है फूड पॉइज़निंग की मान लो। दोनों पायलट ने खाना खाया, मील खाया। ठीक है दोपहर का मील या फिर शाम का मील और प्लेन उड़ा रहे हैं वो लोग। तो अगर उस खाने में कुछ खराब हो जिससे की फूड पॉइज़निंग हो जाए और पेट में दर्द वोमीटिंग वगैरह होने लगे तो ऐसा सिचुएशन ना दोनों पायलट के साथ ना हो।
इसके लिए दोनों को एक खाना कभी भी नहीं दिया जाता। यानी पायलट और कोपायलट का जो मील होता है वो कभी भी समे नहीं होता ताकि फूड पॉइज़निंग का केस हो तो दोनों को इफेक्ट ना करे। और ये कोई सिर्फ एक रिकमेन्डेशन नहीं है बल्कि जो ऐड्मिनिस्ट्रेशन है, जो की कंट्रोल करती हैं एयरवेज़ को उसने इसको मैनडेटरी किया हुआ है। इस रूल को आपने कितने का संपत्ति अपने पिता या दादा से प्राप्त किया है? इसका ऐन्सर कुछ भी हो सकता है।
लाखों में भी हो सकता है, करोड़ों में भी और हज़ारों में भी हो सकता है। लेकिन हम सब कुछ ना कुछ इनहेरिट करते हैं। जिन्हें हमें विरासत में मिलता है, चाहे वो जमीन हो, गाड़ी हो, घर हो या पैसा हो, आपको मिलेगा या फिर मिलने वाला होगा। लेकिन इस वर्ड में कई जानवर भी होते हैं जिसके होता है ना परिवार में कोई बच्चा नहीं होता है। सिर्फ वो इंसान होता है और वो महल में रह रहा होता है, बहुत अमीर होता है, उसका कोई नहीं होता है लेकिन एक डॉग या कैट घर में रहता है।
तो लॉ के हिसाब से वो लोग उस प्रॉपर्टी को इनहेरिट कर लेते हैं ऐंड यहाँ पर मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ। 70 70,00,00,080 80,00,00,000 जानवर लिटरल्ली इनहेरिट किए हैं अपने मालिको से, क्योंकि उनका कोई था नहीं। कहीं कैट भी ऐसा किया है कही चिकन के मामले में भी ऐसा हुआ है तो इसका अगर आप डेटा देखोगे तो आपको ये पता चलेगा कि गेहूं नाम का एक चिकन था, जो की 15 मिलियन डॉलर्स यानी ₹100,00,00,000 इनहेरिट की थी और एक ब्लैक कैट
नहीं। मैं जिसका नाम है टॉमस हो, वो 13 मिलियन डॉलर्स यानी ये भी करीब 90 पचानवे करोड़ रुपये के प्रॉपर्टी को इनहेरिट किए हैं। अब आपको लग रहा होगा की ऐसा कैसे संभव है तो ये ऐक्चुअली में किसी अजीब तरीके से नहीं हो रहा है। यहाँ पर सब कुछ नॉर्मल तरीके से हो रहा है। जो मालिक होते हैं वह पहले ही पेट ट्रस्ट के साथ एक साइन कर लेते है। मतलब उनका कोई होता नहीं है तो मालिक पहले से ही साइन करके रखता है की ये जो पैसा होगा, जितना भी पैसा है, इसका इस्तेमाल
मेरे कैट के लिए होगा और जो पेट ट्रस्ट कंपनीज होती है, उनके पास ये पैसा जाएगा एक्चुअली में लेकिन वो पैसा डेडिकेटेड रहेगा। उस पेट को तो मालिक मारा फिर ट्रस्ट ने उनके पैसे को क्लेम किया उन्हीं के साइन की वो डॉक्यूमेंट के हिसाब से क्योंकि मरने के पहले वो खुद कह रहे है की मेरी संपत्ति बिल्ली को मिलनी चाहिए तो फिर जो वो ट्रस्ट है वो जो ऑर्गेनाइजेशन है वो केर करती है। उस बिल्ली या कुत्ते या चिकन जो भी हो उसकी लेकिन कितनी अजीब बात है ना की एक जगह चिकन को मार के खाया जाता है।
ऑफ कोर्स चिकन फ्राइड चिकन ये वो और एक तरफ एक चिकन हैं, जो कि इतने करोड़ रुपए को 80 ₹90,00,00,000 ₹100,00,00,000 को इनहेरिट कर रही है। आपको तो पता ही होगा की जो केएफसी के फाउंडर हैं यानी कर्नल सैंडर्स उन्होंने केएफसी को बनाया था केन्टकी फ्राइड चिकन जो की अभी के टाइम फिर ली सक्सेसफुल रहा, लेकिन उनको सक्सेस मिली थी 65 के एज में एक ऐसा एज जहाँ पे ज्यादातर लोग रिटायर हो जाते हैं और कुछ करने का ड्रीम नहीं करते हैं।
जैसे फॉर पेन्शन। तब कर्नल सैंडर्स ने एक रेवोल्यूशन लाया। इस एज में जॉनी डेप जो थे। यह पहले विनोना राइडर इस ऐक्टर के साथ इन गेस्ट है। तब उन्होंने अपने आराम पे टैटू बनाया था विनोना फोरेवर लिखके। लेकिन जब उनका ब्रेकअप हुआ तो उन्होंने लास्ट का ना हटा दिया और तब टैटू में दिखता हैं वे नो फॉरेवर इससे हमें यह सीख मिलती है कि जब भी आप प्यार में पढ़ो।
या फिर कोई भी ऐसे रिलेशन में पढ़ो तो टैटू बनाना एक अच्छी चीज़ नहीं है। क्यों?

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